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Wednesday, August 4, 2010

जब तक वो मेरी दीवानी रहेगी 
मेरे होटों पे ग़ज़ल और कहानी रहेगी ||
हर ठोकर खाकर संभल गए
उसकी  यही एक निशानी रहेगी ||
भूख लगी तो ताने खा कर सो गए 
वक्त की कब तक ये कारस्तानी रहेगी ||
सपने धुंधला गए है राजा
सूरते कब तक जानी पहचानी रहेगी ||
बडो से बात करो तो लहजा नीचा रखना 
बात कहने में आसानी रहेगी ||
लड़ना सीख लिया है वक्त से मैंने 
 कब तक ये फाकामस्ती ,ये परेशानी रहेगी ||

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